Agricultute News: धान लगाने से पहले खेत में करें ये एक काम, फसल भी बढ़ेगी और पानी की बचत भी
धान की खेती शुरू करने से पहले अगर आप चाहते हैं कि पैदावार ज़बरदस्त हो और पानी की बर्बादी भी न हो, तो सबसे...

धान की खेती शुरू करने से पहले अगर आप चाहते हैं कि पैदावार ज़बरदस्त हो और पानी की बर्बादी भी न हो, तो सबसे जरूरी काम है — खेत को सही तरीके से समतल करना। आजकल लेजर लैंड लेवलर जैसे मॉडर्न खेती के यंत्रों ने ये काम बहुत आसान बना दिया है।
लेजर लैंड लेवलर न सिर्फ खेत को एकदम बराबर करता है, बल्कि इससे पानी की बचत, जलभराव की समस्या से राहत, और कम लागत में बेहतर उत्पादन भी मुमकिन हो जाता है। यही वजह है कि कृषि विशेषज्ञ और वैज्ञानिक इसे धान की रोपाई से पहले अपनाने की सलाह दे रहे हैं।
धान की खेती से पहले खेत को करें लेजर से लेवल, नहीं होगी पानी की बर्बादी
हरियाणा समेत देश के कई हिस्सों में इस वक्त किसान धान की रोपाई की तैयारियों में जुटे हैं। लेकिन एक बड़ी समस्या जो हर सीजन में सामने आती है — वो है खेतों का असमतल होना। इससे न सिर्फ पानी की बर्बादी होती है, बल्कि कई जगह जल भराव की स्थिति भी बन जाती है, जो फसल के लिए नुकसानदायक होती है।
खेती में गेम चैंजेर है ‘लेजर लैंड लेवलर’
इस परेशानी का हल अब मिल चुका है — लेजर लैंड लेवलर, जो खेती को स्मार्ट बना रहा है। यह एक ऐसा ट्रैक्टर से जुड़ने वाला यंत्र है, जो खेत की ऊँच-नीच को सटीक लेज़र तकनीक से पहचान कर उसे बराबर कर देता है।
कैसे करता है काम?
इसमें एक लेज़र ट्रांसमीटर होता है जो किरणें छोड़ता है। यह किरणें रिसीवर तक जाती हैं, जो जानकारी कंट्रोल बॉक्स को भेजता है। कंट्रोल बॉक्स फिर लेवलर को कंट्रोल करता है ताकि खेत की मिट्टी को एक हिस्से से दूसरे हिस्से में सही मात्रा में शिफ्ट किया जा सके।
इस प्रक्रिया से पूरा खेत समान रूप से लेवल हो जाता है, जिससे रोपाई आसान होती है, पानी समान रूप से फैलता है और उत्पादन पर सीधा असर पड़ता है।
खर्च कम, फायदा ज़्यादा
कृषि विशेषज्ञ डॉ. प्रदीप बिसेन के मुताबिक, “लेजर लैंड लेवलर से खेत को समतल करने से धान की खेती में 30 से 40% तक पानी की बचत हो सकती है। साथ ही, खाद और कीटनाशक का उपयोग भी संतुलित हो जाता है।”
इससे एक तरफ जहां खेती की लागत घटती है, वहीं दूसरी ओर पैदावार में सुधार होता है। यही नहीं, फसल की क्वालिटी भी बेहतर होती है क्योंकि पौधों को एक जैसा पानी और पोषण मिलता है।
धान ही नहीं, सभी फसलों के लिए फायदेमंद
हालांकि ये यंत्र खासतौर पर धान की खेती में ज्यादा उपयोगी साबित हुआ है, लेकिन गेहूं, सब्जियों और दलहनों में भी इसके इस्तेमाल से अच्छे नतीजे मिले हैं। कई किसान अब गांव की पंचायत या कृषि केंद्रों से ये यंत्र किराये पर लेकर इस्तेमाल कर रहे हैं, जिससे उन्हें ज्यादा निवेश की जरूरत भी नहीं पड़ती।