बिनोद बना स्टार: कभी साइकिल पर रूई बेचते थे, अब ‘Panchayat’ से दिलों पर कर रहे राज
अशोक पाठक की कहानी जानिए—जो कभी फरीदाबाद की गलियों में साइकिल पर रूई बेचते थे, आज 'पंचायत' वेब सीरीज के बिनोद बनकर हर घर में छा गए हैं।

आज हर कोई Amazon Prime Video की चर्चित वेब सीरीज़ पंचायत के चौथे सीज़न की तारीफ कर रहा है। गांव की सच्चाई और देसी किरदारों को लेकर बनाई गई इस सीरीज़ ने दर्शकों के दिलों में खास जगह बना ली है। इस सीरीज़ में ‘बिनोद’ का किरदार निभाने वाले अशोक पाठक को लोग खूब पसंद कर रहे हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि ये वही अशोक हैं, जो कभी साइकिल पर रूई बेचते थे?
बिहार से फरीदाबाद तक का सफर
अशोक पाठक मूल रूप से बिहार के सीवान जिले के रहने वाले हैं। लेकिन रोजगार की कमी के चलते उनके माता-पिता हरियाणा के फरीदाबाद शहर में आकर बस गए। अशोक का जन्म भी यहीं के सारन गांव में हुआ। अपने एक इंटरव्यू में अशोक ने बताया कि उन्होंने बचपन में बिहार से आए लोगों के साथ होने वाले भेदभाव को खुद झेला है।
बचपन में ही कमाने की जिम्मेदारी
घर की आर्थिक हालत ऐसी नहीं थी कि अशोक आराम से पढ़ाई कर सकें। जब वो 9वीं क्लास में थे, तब ही उन्हें चाचा के साथ साइकिल पर रूई बेचने का काम करना पड़ा। दिनभर में वो 100-150 रुपये तक कमाते थे, जिससे घर का खर्च चलता था।
पढ़ाई के साथ नहीं छोड़ा सपना
इतनी परेशानियों के बावजूद अशोक ने अपनी पढ़ाई जारी रखी। 12वीं तक की पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने भारतेंदु नाट्य अकादमी में एडमिशन लिया, जहां उन्हें स्कॉलरशिप भी मिली। यहीं से उनके अभिनय के सफर की असली शुरुआत हुई। उनके भाई ने भी उन्हें इस राह पर आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया।
छोटे रोल से लेकर बॉलीवुड तक
अशोक ने शुरुआत में कई पंजाबी फिल्मों में छोटे-मोटे किरदार किए। लेकिन असली ब्रेक मिला इम्तियाज़ अली की फिल्म ‘हाईवे’ से, जो उनका पहला बड़ा बॉलीवुड प्रोजेक्ट था। इसके बाद फुकरे रिटर्न्स, खानदानी शफाखाना और नेटफ्लिक्स की चर्चित सीरीज़ सैक्रेड गेम्स में भी वो नजर आए।
‘पंचायत’ ने बना दिया स्टार
हालांकि उन्हें असली पहचान पंचायत वेब सीरीज़ से मिली, जहां उन्होंने ‘बिनोद’ का किरदार निभाया। यह रोल इतना चर्चित हुआ कि लोग आज उन्हें उनके असली नाम से नहीं, बल्कि बिनोद के नाम से पहचानते हैं। इस सीरीज़ ने अशोक पाठक को वो स्टारडम दिलाया, जिसके वो हकदार थे।