Haryana : हरपथ-2.0 एप के जरिये हरियाणा में अब आमजन कर सकेंगें खराब सड़कों की शिकायत
हरियाणा सरकार सड़कों को गड्ढामुक्त करने के अपने मिशन को लेकर अब और ज्यादा एक्टिव हो गई है। इसी कड़ी में राज्यभर में सभी प्रमुख और आंतरिक सड़कों की वर्तमान स्थिति का ब्योरा जुटाया जा रहा है, ताकि 20 जून तक ‘हरपथ-2.0’ ऐप (Harpath 2.0 portal) पर सारी डिटेल्स...

चंडीगढ़। हरियाणा सरकार सड़कों को गड्ढामुक्त करने के अपने मिशन को लेकर अब और ज्यादा एक्टिव हो गई है। इसी कड़ी में राज्यभर में सभी प्रमुख और आंतरिक सड़कों की वर्तमान स्थिति का ब्योरा जुटाया जा रहा है, ताकि 20 जून तक ‘हरपथ-2.0’ ऐप (Harpath 2.0 portal) पर सारी डिटेल्स अपडेट की जा सकें। सरकार का फोकस है कि ऐप के ज़रिए लोगों की सड़क से जुड़ी शिकायतों का तेजी से निपटारा हो सके।
हरपथ-2.0 एक अपडेटेड पोर्टल ऐप है जिसे आम लोगों की भागीदारी के साथ ज्यादा प्रभावी बनाने की कोशिश की जा रही है। इसके ज़रिए सड़क निर्माण और मरम्मत से जुड़े हर सरकारी विभाग को अपनी-अपनी जिम्मेदारियों का रिकॉर्ड देना होगा। ऐप लॉन्च से पहले सभी विभागों को निर्देश दिए गए हैं कि वे अपने क्षेत्रों की सड़क क्वालिटी, चौड़ाई, लंबाई व गड्ढों की स्थिति जैसी जानकारियां फील्ड सर्वे के ज़रिए इकट्ठा कर पोर्टल पर अपलोड करें।
इस प्रक्रिया में लोक निर्माण विभाग, नगर निगम, हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (HSVP), हाउसिंग बोर्ड, मार्केटिंग बोर्ड, HSIIDC, पंचायती राज विभाग समेत तमाम एजेंसियां शामिल हैं।
पूरे राज्य में 47,000 से ज्यादा सड़कों का सर्वे
अब तक प्रदेश के 22 जिलों में कुल 47,146 सड़कों का फिजिकल सर्वे किया जा चुका है। इनकी कुल लंबाई 6495.3 किलोमीटर रिकॉर्ड की गई है। ये सर्वे (road survey) जीआईएस (GIS) टेक्नोलॉजी के जरिए किया जा रहा है, जिसमें फील्ड मैप ऐप की मदद ली जा रही है। हर सड़क का डेटा डिजिटल फॉर्मेट में तैयार किया जा रहा है ताकि आगे मॉनिटरिंग और मेंटेनेंस में आसानी रहे।
हरसैक ने तैयार किया नया डिजिटल टूल
हरपथ-2.0 को हरियाणा स्पेस एप्लिकेशन सेंटर (HARSAC) ने तैयार किया है। यह ऐप पूरी तरह GIS आधारित है और इसमें सड़क की गड्ढों से जुड़ी शिकायतों की रिपोर्टिंग से लेकर ट्रैकिंग तक की सुविधा है। इस नए सिस्टम के लिए विभागों के फील्ड स्टाफ को ट्रेनिंग भी दी जा चुकी है, ताकि वे सड़क की लोकेशन, कंडीशन और दूसरी टेक्निकल डिटेल्स को सही तरीके से दर्ज कर सकें।
हरपथ-1 से मिली शिकायतों का हिसाब
गौरतलब है कि ‘हरपथ’ योजना की शुरुआत साल 2017 में की गई थी, जिसका मकसद था कि जनता खुद सड़कों की स्थिति को लेकर रिपोर्ट कर सके। 2017 से 25 मई 2025 तक इस ऐप पर कुल 64,346 शिकायतें दर्ज हुईं। इनमें से 52,505 शिकायतों का समाधान कर दिया गया, जबकि 9,575 शिकायतें ऐसी थीं जिन्हें टेक्निकल कारणों से रिजेक्ट कर दिया गया।
फिलहाल ये स्थिति है:
- 18,327 शिकायतों की दोबारा जांच चल रही है
- 2,266 शिकायतों पर एक्शन की प्रक्रिया जारी है
- 206 शिकायतों पर काम शुरू होना बाकी है
- वहीं 1144 शिकायतें ऐसी हैं, जिनका हाल ही में समाधान हुआ है या समाधान प्रक्रिया जारी है
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने हाल ही में हुई एक रिव्यू मीटिंग में हरपथ-2.0 को लेकर खास फोकस करने के निर्देश दिए थे। सरकार की मंशा है कि सड़कों की क्वालिटी और रख-रखाव पर निगरानी के लिए ये डिजिटल टूल एक सशक्त माध्यम बने और किसी भी गड़बड़ी पर तुरंत एक्शन हो सके।