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नेशनल हाईवे पर सफर अब और सस्ता, सरकार ने लॉन्च किया ₹3000 का सालाना FASTag पास

केंद्र सरकार ने FASTag बेस्ड एनुअल पास (FASTag Annual Pass) की शुरुआत का ऐलान किया है, जिसकी कीमत ₹3000 रखी गई है। ये पास निजी कार, जीप और वैन चालकों को मिलेगा और एक्टिवेशन की तारीख से 1 साल या 200 ट्रिप्स (जो भी पहले हो) तक वैध रहेगा। नई सुविधा 15 अगस्त 2025 से लागू होगी और इसका मकसद 60 किलोमीटर दायरे में आने वाले टोल प्लाजा पर लोगों को राहत देना है। पास की बिक्री राजमार्ग यात्रा ऐप और NHAI/MoRTH वेबसाइट्स पर शुरू होगी।

नेशनल हाईवे पर बार-बार टोल भरने से परेशान लोगों के लिए केंद्र सरकार ने राहत भरी स्कीम पेश की है। सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने 18 जून को FASTag बेस्ड एनुअल पास (FASTag based annual pass) का एलान किया, जिसकी कीमत ₹3000 रखी गई है। यह सुविधा 15 अगस्त 2025 से लागू होगी और इसका मकसद हाईवे यात्रियों का समय और पैसा दोनों बचाना है।

गडकरी ने जानकारी दी कि यह पास राजमार्ग यात्रा ऐप (Rajmarg Yatra App) और NHAIMoRTH की वेबसाइट्स पर उपलब्ध रहेगा। लिंक 15 अगस्त से पहले एक्टिव कर दिया जाएगा। पास एक साल या 200 ट्रिप्स (trips) तक के लिए वैध होगा—इनमें से जो पहले पूरा हो जाएगा, वहीं तक यह मान्य रहेगा।

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किन वाहनों को मिलेगा फायदा?

यह एनुअल पास सिर्फ प्राइवेट गाड़ियों जैसे कार, जीप और वैन के लिए लागू होगा। कमर्शियल वाहनों को इस स्कीम से बाहर रखा गया है। सालाना लिमिट पूरी हो जाने के बाद भी यूजर चाहे तो FASTag अकाउंट को रीचार्ज करके सामान्य तरीके से सफर जारी रख सकता है।

अब तक कैसा था सिस्टम?

इससे पहले जो लोग रोजाना एक ही टोल प्लाजा से आते-जाते हैं, उन्हें ₹340 का मंथली पास (Monthly Toll Pass) बनवाने का विकल्प मिलता था, यानी सालाना खर्च करीब ₹4080 बैठता था। हालांकि इसके लिए अड्रेस वेरिफिकेशन और कुछ जरूरी डॉक्युमेंट्स की प्रक्रिया भी शामिल थी।

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नई स्कीम के जरिए सरकार की कोशिश है कि 60 किलोमीटर के दायरे में आने वाले टोल प्लाजा पर लगने वाली भीड़ कम हो, वेटिंग टाइम घटे और टोल कलेक्शन को लेकर होने वाले विवाद भी खत्म हों। गडकरी ने अपने पोस्ट में कहा कि इससे यूज़र एक्सपीरियंस बेहतर होगा।

एक ट्रिप का मतलब क्या है?

इस पास को लेकर जब घोषणा हुई तो सवाल उठा कि आखिर “एक ट्रिप” की परिभाषा क्या होगी? शुरुआती अटकलों में माना गया कि 60 किलोमीटर तक की दूरी को एक ट्रिप माना जाएगा, लेकिन बाद में यह स्पष्ट हुआ कि एक टोल प्लाजा को पार करना ही एक ट्रिप गिना जाएगा। यानी अगर किसी रूट पर दो टोल आते हैं, तो वो दो ट्रिप माने जाएंगे।

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नई टोल पॉलिसी पर भी काम जारी

इसके अलावा सड़क परिवहन मंत्रालय एक नई टोल टैक्स पॉलिसी (Toll Tax Policy) पर भी काम कर रहा है। नितिन गडकरी ने हाल ही में कहा था कि जल्द ऐसी व्यवस्था लाई जाएगी, जिसमें टोल किलोमीटर के हिसाब से लिया जाएगा। यानी जितनी दूरी तय करेंगे, उसी हिसाब से टोल भरना होगा। हालांकि नई पॉलिसी कब लागू होगी, इस पर फिलहाल सरकार की ओर से कोई अपडेट नहीं आया है।

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