Rewari Crime: जिस कमरे से मिला था युवक का शव, 15 दिन बाद मिली ऐसी चीज कि सब कांप उठे…
रेवाड़ी के धारूहेड़ा इलाके में एक आत्महत्या के मामले ने तब नया मोड़ ले लिया जब घटना के 15 दिन बाद उसी कमरे के बेड से एक महिला का सड़ा-गला शव मिला। यह वही कमरा था जहां युवक योगेश ने फांसी लगाकर जान दी थी। चौंकाने वाली बात यह रही कि शव उस बेड में था जिस पर पंखे से लटककर युवक ने आत्महत्या की थी, लेकिन पुलिस को इसकी भनक तक नहीं लगी। अब सवाल खड़े हो रहे हैं कि क्या पुलिस ने उस वक्त जांच के नाम पर सिर्फ औपचारिकता निभाई थी?

रेवाड़ी: हरियाणा के रेवाड़ी जिले से एक ऐसा मामला सामने आया है जिसने पुलिस की कार्यशैली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। धारूहेड़ा सेक्टर-6 स्थित एक किराए के कमरे में 6 जून को 32 वर्षीय योगेश नामक युवक ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर शव को कब्जे में लिया, पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया और मामला निपटा दिया। लेकिन अब, 15 दिन बाद उसी कमरे से एक महिला का शव बरामद हुआ है, जो बुरी तरह सड़ चुका था।
ये शव उस बेड के अंदर से मिला, जिस पर योगेश ने फांसी लगाई थी। शव मिलने के बाद क्षेत्र में हड़कंप मच गया है और पुलिस की शुरुआती जांच पर सवाल खड़े हो गए हैं।
बेड खोलते ही मिली सड़ी लाश
मृतक योगेश के पिता 20 जून की शाम को जब कमरे से बेटे का सामान लेने पहुंचे, तो कमरे में तेज़ दुर्गंध महसूस हुई। बदबू की वजह जानने के लिए उन्होंने बेड खोला तो अंदर का मंजर देखकर उनके होश उड़ गए—वहां एक महिला की सड़ी-गली लाश पड़ी थी। तुरंत पुलिस को सूचना दी गई, जिसके बाद धारूहेड़ा सेक्टर-6 थाने की टीम मौके पर पहुंची और शव को पोस्टमार्टम के लिए रेवाड़ी सिविल हॉस्पिटल भेजा गया।
क्या 15 दिन तक पुलिस को नहीं चला पता?
अब सवाल ये है कि जब योगेश की आत्महत्या की जांच की जा रही थी, तब पुलिस ने कमरे की पूरी तलाशी क्यों नहीं ली?
क्या जांच सिर्फ दिखावे के लिए की गई थी?
अगर सही जांच होती तो क्या उस वक्त बेड में छिपी लाश नहीं मिलती?
लोगों का कहना है कि बेड के अंदर एक शव पड़ा हो और पुलिस को उसकी भनक न लगे, ये लापरवाही नहीं तो और क्या है? इस घटना ने पुलिस की (crime scene investigation) पर बड़ी लापरवाही उजागर की है।
कौन थी महिला? कहां हैं उसके बच्चे?
प्रारंभिक जानकारी के मुताबिक मृत महिला और योगेश दोनों शादीशुदा थे और एक-दूसरे के साथ (live-in relationship) में रह रहे थे। महिला के तीन बच्चे हैं, जो रेवाड़ी के एक निजी स्कूल—गुरुकुलम में पढ़ते हैं। हालांकि, अभी तक बच्चों का कोई सुराग नहीं लगा है। महिला करनाल की रहने वाली बताई जा रही है, लेकिन पुलिस के पास उसका पूरा पता तक नहीं है।
मकान मालिक और परिवार ने क्या कहा?
मकान मालिक का कहना है कि मार्च महीने में योगेश एक महिला और तीन बच्चों के साथ उनके मकान में किराए पर रहने आया था। किराया समझौते के वक्त उन्होंने आईडी भी ली थी, जिसमें दोनों को पति-पत्नी बताया गया था। लेकिन अब यह साफ हो गया है कि वे पति-पत्नी नहीं थे, बल्कि लिव-इन में रह रहे थे।
योगेश के पिता ने बताया कि वह पलवल जिले के रहने वाले हैं और उनका बेटा आशियाना होम केयर में (nursing staff) के तौर पर काम करता था। 2017 में उसने लव मैरिज की थी और उसके दो बच्चे भी हैं। उन्हें यह जानकारी नहीं थी कि योगेश किसी और महिला के साथ रह रहा है।
पुलिस बनी मौन, अब जिम्मेदारी से बचने की कोशिश
इस पूरे मामले में पुलिस ने अब तक कोई स्पष्ट बयान नहीं दिया है। सवाल उठ रहे हैं कि क्या पुलिस अपनी शुरुआती लापरवाही को छुपाने की कोशिश कर रही है? महिला की पहचान और उसके बच्चों का पता लगाने में भी पुलिस अब तक नाकाम रही है।
इस पूरे प्रकरण में यह देखना दिलचस्प होगा कि रेवाड़ी पुलिस के सीनियर अधिकारी इस मामले को कितनी गंभीरता से लेते हैं या फिर यह मामला भी (suspicious death case) बनकर फाइलों में दबा रह जाएगा।