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Haryana: हरियाणा में सरकारी नौकरी के लिए नए नियम लागू, अब इन लोगों को नहीं मिलेंगी सरकारी नौकरी

हरियाणा सरकार ने सरकारी नौकरियों की भर्ती प्रक्रिया को लेकर बड़ा बदलाव किया है। अब परीक्षा में गड़बड़ी या पेपर लीक में शामिल पाए जाने वाले अभ्यर्थियों को न सिर्फ उस भर्ती से, बल्कि भविष्य की सभी सरकारी भर्तियों से भी बाहर कर दिया जाएगा। नई भर्ती नीति खासकर तृतीय और चतुर्थ श्रेणी (Group C और D) के पदों के लिए लागू की गई है, जिसमें (CET score), बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन और मेरिट आधारित चयन को प्राथमिकता दी गई है।

हरियाणा में अब सरकारी नौकरी की राह उन युवाओं के लिए बंद हो जाएगी जो किसी भी तरह की परीक्षा में गड़बड़ी या पेपर लीक (exam paper leak) में शामिल पाए जाएंगे। मुख्यमंत्री नायाब सैनी की सरकार ने इसको लेकर नई भर्ती नीति लागू कर दी है, जो राज्य के सरकारी विभागों, बोर्ड-निगमों, पब्लिक सेक्टर कंपनियों और स्वायत्त संस्थानों में तृतीय और चतुर्थ श्रेणी की भर्तियों (Group C & D recruitment) पर लागू होगी।

CET के जरिए होगी भर्ती, नियमों में बड़ा बदलाव

नई नीति के मुताबिक अब पुलिस कांस्टेबल और टीचर समेत सभी तृतीय और चतुर्थ श्रेणी पदों पर भर्ती (HSSC recruitment) केवल (Common Eligibility Test – CET) के स्कोर के आधार पर की जाएगी। हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग (HSSC) ही इन सभी भर्तियों का संचालन करेगा। सीईटी पास करने वाले अनारक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों को कम से कम 50% और आरक्षित वर्ग के उम्मीदवारों को 40% अंक लाने होंगे।

HTET जरूरी, लेकिन मेरिट में नहीं जुड़ेगा स्कोर

शिक्षकों की भर्ती के लिए (HTET – Haryana Teacher Eligibility Test) पास करना अनिवार्य रहेगा, लेकिन मेरिट लिस्ट बनाते समय HTET के नंबर नहीं जोड़े जाएंगे। सभी विभाग Group C पदों के लिए HSSC को अपनी जरूरत भेजेंगे, जबकि Group D पदों के लिए मांगे Human Resource विभाग को भेजी जाएंगी।

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तीन साल तक वैलिड रहेगा CET स्कोर

CET के स्कोर की वैलिडिटी तीन साल तक होगी। इस दौरान अगर किसी अभ्यर्थी की उम्र भर्ती के लिए तय ऊपरी सीमा से पार हो जाती है, तो वह उस परीक्षा में शामिल नहीं हो सकेगा। उम्र में छूट और आरक्षण का लाभ सिर्फ हरियाणा के स्थानीय निवासियों को मिलेगा।

भर्ती प्रक्रिया में ट्रांसपेरेंसी बढ़ेगी
HSSC अब परीक्षा के बाद (answer key) अपनी वेबसाइट पर जारी करेगा और उस पर उम्मीदवारों से आपत्तियां मांगेगा। अगर कोई आपत्ति सही पाई जाती है तो उत्तर कुंजी में संशोधन किया जाएगा। विवादित प्रश्नों की समीक्षा राज्य विश्वविद्यालय जैसे संस्थानों के विशेषज्ञों की कमेटी करेगी, जिनकी पहचान गोपनीय रखी जाएगी।

जॉइनिंग न करने पर फिर से देनी होगी परीक्षा
यदि कोई अभ्यर्थी चयन के बाद 90 दिन के भीतर जॉइनिंग नहीं करता है, तो उसे समान वेतनमान के किसी अन्य पद के लिए तब तक मौका नहीं मिलेगा जब तक वह दोबारा से CET पास न करे। ऐसे मामलों में प्रतीक्षा सूची में शामिल उम्मीदवारों को मौका दिया जाएगा।

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बायोमेट्रिक डाटा से होगी पहचान
HSSC किसी भी समय अभ्यर्थियों को बुलाकर उनका बायोमेट्रिक डेटा वेरीफाई कर सकता है। यदि किसी भी स्टेज पर दिए गए बायोमेट्रिक डेटा में अंतर पाया गया तो संबंधित कैंडिडेट की उम्मीदवारी रद्द कर दी जाएगी और भविष्य की सभी परीक्षाओं से भी उसे बाहर कर दिया जाएगा।

रिकॉर्ड्स का होगा डिजिटल सुरक्षित रखाव
लिखित परीक्षा की हार्ड कॉपी एक साल तक और डिजिटल कॉपी पांच साल तक रिकॉर्ड में सुरक्षित रखी जाएगी। इससे पारदर्शिता बनी रहेगी और किसी विवाद की स्थिति में रिफरेंस लिया जा सकेगा।

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