हरियाणा में सूरजमुखी की सरकारी खरीद शुरू, 5 जिलों की 17 मंडियों में किसानों को MSP पर मिलेगा फायदा
हरियाणा के किसानों के लिए राहत भरी खबर है। राज्य सरकार ने 1 जून से सूरजमुखी (sunflower) की फसल की सरकारी खरीद (procurement) शुरू कर दी है। यह खरीद (MSP procurement) योजना...

हरियाणा के किसानों के लिए राहत भरी खबर है। राज्य सरकार ने 1 जून से सूरजमुखी (sunflower) की फसल की सरकारी खरीद (procurement) शुरू कर दी है। यह खरीद (MSP procurement) योजना के तहत पांच जिलों की 17 मंडियों में की जा रही है, जहां हैफेड (HAFED) और हरियाणा वेयरहाउसिंग कॉरपोरेशन (HWC) खरीद एजेंसियों के रूप में काम कर रही हैं।
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, केंद्र सरकार ने इस बार PSS स्कीम के तहत 8883 मीट्रिक टन सूरजमुखी खरीदने की मंज़ूरी दी है। किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) के तौर पर ₹7280 प्रति क्विंटल मिलेगा। जबकि वर्तमान में मंडियों में इसका बाजार भाव ₹6400 से ₹6500 प्रति क्विंटल के बीच है।
इस साल करीब 44 हज़ार मीट्रिक टन उत्पादन की उम्मीद
कृषि विभाग की रिपोर्ट के अनुसार, इस साल राज्य में सूरजमुखी की पैदावार लगभग 44,062 मीट्रिक टन होने की संभावना है। राज्यभर में करीब 76,785 एकड़ ज़मीन पर सूरजमुखी की बिजाई की गई है। इसके तहत “मेरी फसल मेरा ब्यौरा” पोर्टल पर 18,166 किसानों ने रजिस्ट्रेशन कराया है।
इन जिलों की मंडियों में होगी खरीद
खरीद प्रक्रिया के लिए पांच जिलों की 17 मंडियों को चुना गया है। मंडी आवंटन इस प्रकार किया गया है:
- अम्बाला जिला: अम्बाला शहर, अम्बाला कैंट, शहज़ादपुर, साहा, बराड़ा में हैफेड; मुलाना में HWC
- करनाल: करनाल मंडी में हैफेड
- कुरुक्षेत्र: इस्माईलाबाद और थोल में HWC, थानेसर, शाहबाद, लाडवा, बबैन में हैफेड; शाहबाद और झांसा में HWC भी
- पंचकूला: बरवाला में हैफेड
- यमुनानगर: साढौरा में HWC
पिछले साल 2024-25 में सूरजमुखी की खरीद केवल हैफेड के ज़रिए की गई थी, लेकिन इस बार HWC को भी शामिल किया गया है। यह खरीद प्रक्रिया 30 जून तक जारी रहेगी। राज्य सरकार का दावा है कि इस कदम से किसानों को उनकी मेहनत का सही मूल्य मिलेगा और सूरजमुखी उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा।