Top Hybrid Paddy Varieties 2025: “ये हैं हाइब्रिड धान की टॉप 3 किस्में — कम खर्च में मिलेगा जायदा पैदावार”
अगर आप धान की खेती करते हैं और कम खर्च में ज़्यादा मुनाफा कमाना चाहते हैं, तो हाइब्रिड धान की कुछ खास किस्में आपके लिए गेम चेंजर साबित हो सकती हैं। ये किस्में ना सिर्फ

अगर आप धान की खेती करते हैं और कम खर्च में ज़्यादा मुनाफा कमाना चाहते हैं, तो हाइब्रिड धान की कुछ खास किस्में आपके लिए गेम चेंजर साबित हो सकती हैं। ये किस्में ना सिर्फ बंपर पैदावार देती हैं, बल्कि इनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता भी काफी ज्यादा होती है। मतलब, कीटनाशकों और उर्वरकों पर खर्च कम, और क्वालिटी प्रोडक्शन ज़्यादा।
पायनियर PHB-71, बायर का अराइज 6444 गोल्ड और कावेरी सीड्स की कावेरी 468 — ये तीन टॉप हाइब्रिड किस्में आजकल किसानों के बीच तेजी से पॉपुलर हो रही हैं। इनका हर पौधा मजबूत होता है, और एक-एक पौधे में 12-15 कल्ले तक आ जाते हैं, जिससे उत्पादन सीधे बढ़ जाता है। खास बात ये है कि ये किस्में सूखा झेलने की क्षमता भी रखती हैं, यानी कम पानी वाले इलाकों में भी बेहतरीन परफॉर्म करती हैं।
हाइब्रिड धान की किस्में
आज के समय में जब खेती में लागत बढ़ती जा रही है और मौसम का मिजाज भी बिगड़ रहा है, तब किसानों को ऐसी फसलों की ज़रूरत है जो कम इनपुट में ज़्यादा आउटपुट दें। यही कारण है कि हाइब्रिड धान की मांग तेजी से बढ़ रही है।
1. पायनियर PHB-71
कृषि विज्ञान केंद्र, नियामतपुर के प्रभारी डॉ. एनसी त्रिपाठी बताते हैं कि PHB-71 किस्म को पायनियर सीड्स ने डेवलप किया है। यह किस्म 130 से 135 दिनों में पककर तैयार हो जाती है। खास बात ये है कि इसकी पैदावार 60 से 80 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक पहुंच सकती है। इसकी ऊंचाई 80–82 सेंटीमीटर होती है और इसकी बाली लंबी, दाना चमकदार और चावल स्वाद में बेहतरीन होता है।
इस किस्म को उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, तमिलनाडु और हरियाणा जैसे राज्यों में किसान खूब उगा रहे हैं। यह किस्म कम पानी और सूखा प्रभावित इलाकों के लिए भी परफेक्ट है।
2. अराइज 6444 गोल्ड
दूसरी टॉप किस्म है बायर क्रॉप साइंस की अराइज 6444 गोल्ड। यह किस्म BLB (Bacterial Leaf Blight) जैसे रोगों के प्रति काफी हद तक प्रतिरोधी है। यह 135–140 दिनों में पककर तैयार हो जाती है और एक पौधे से निकलने वाले 12 से 15 कल्ले इसे और भी प्रोडक्टिव बनाते हैं।
पौधे की लंबाई लगभग 75 से 80 सेंटीमीटर होती है और यह सूखे की स्थिति में भी मजबूत बना रहता है। इस किस्म से किसान 30–35 क्विंटल प्रति एकड़ तक उत्पादन ले सकते हैं, जो इसे एक फायदे का सौदा बनाता है।
3. कावेरी 468
तीसरी शानदार किस्म है कावेरी सीड्स कंपनी की कावेरी 468, जो बाकी हाइब्रिड वैरायटीज की तरह ही बंपर उत्पादन देती है। हालांकि इस रिपोर्ट में इस वैरायटी की डिटेल्स थोड़ी कम हैं, लेकिन किसानों का अनुभव बताता है कि ये किस्म भी लॉन्ग टर्म में बेहतरीन रिजल्ट देती है।
हाइब्रिड क्यों हैं बेहतर?
इन हाइब्रिड किस्मों का सबसे बड़ा फायदा यह है कि इनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता ज़्यादा होती है, जिससे किसान को बार-बार कीटनाशक और फंगस कंट्रोलर्स का खर्च नहीं करना पड़ता। साथ ही, इनका दाना थोड़ा मोटा होता है और पकने में थोड़ा ज्यादा वक्त लेता है, लेकिन इसका फायदा भी ये है कि क्वालिटी और क्वांटिटी दोनों मिलती हैं।