Haryana Electric Buses: हरियाणा के यात्रियों के लिए खुशखबरी, इस जिले में दौड़ेंगी इलेक्ट्रिक बसें
हरियाणा सरकार ने कुरुक्षेत्र को एक भव्य अध्यात्मिक और सांस्कृतिक केंद्र के रूप में विकसित करने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है। कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड की ताज़ा बैठक में न सिर्फ तीर्थ स्थलों पर 48 त्योहार मनाने का प्रस्ताव रखा गया, बल्कि ट्रांसपोर्टेशन (transportation), साफ-सफाई और पर्यटन सुविधाओं को अपग्रेड करने पर भी चर्चा हुई। खास बात ये रही कि जल्द ही यहां इलेक्ट्रिक बसें (electric buses) भी चलाई जाएंगी, जिससे श्रद्धालुओं और पर्यटकों को बेहतर सुविधा मिलेगी।

कुरुक्षेत्र को एक अंतरराष्ट्रीय अध्यात्मिक हब के रूप में विकसित करने के लिए हरियाणा सरकार ने अपनी तैयारियों को तेज कर दिया है। इस सिलसिले में कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड (Kurukshetra Development Board) की 82वीं बैठक राज्यपाल और बोर्ड अध्यक्ष बंडारू दत्तात्रेय की अध्यक्षता में आयोजित की गई। बैठक में मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी और कैबिनेट मंत्री विपुल गोयल भी शामिल हुए।
राज्यपाल दत्तात्रेय ने बैठक में कहा कि कुरुक्षेत्र का धार्मिक महत्व देशभर में जाना जाता है और अब समय है कि इसे वैश्विक पहचान दी जाए। उन्होंने कहा कि यहां 48 कोस की परिधि में जितने भी तीर्थ स्थल आते हैं, वहां साल में कम से कम 48 उत्सव (festivals) आयोजित किए जाएं। इन आयोजनों में स्थानीय ग्रामीणों के साथ जनप्रतिनिधियों की भी सक्रिय भागीदारी होनी चाहिए।
मुख्यमंत्री सैनी ने कहा कि जब कोई यात्री या श्रद्धालु कुरुक्षेत्र पहुंचे, तो उसे तुरंत यह एहसास हो कि वह एक ऐतिहासिक और पवित्र भूमि पर आया है। इसके लिए धार्मिक और पर्यटन सुविधाओं को आधुनिक स्तर पर तैयार करने की जरूरत है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि सरकार का फोकस सिर्फ धार्मिक विकास तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि इन्फ्रास्ट्रक्चर (infrastructure), सफाई व्यवस्था (sanitation system) और ट्रांसपोर्टेशन नेटवर्क (transportation network) को भी मजबूत किया जाएगा।
बैठक में कई अहम मुद्दों पर चर्चा हुई, जिनमें सरोवरों का रख-रखाव (lake maintenance), उनकी सफाई, नए विकास कार्यों की समीक्षा और मौजूदा प्रोजेक्ट्स में तेजी लाने के निर्देश शामिल रहे। वहीं, पर्यटकों की सुविधा के लिए कुरुक्षेत्र में जल्द ही इलेक्ट्रिक बस सेवा (electric bus service) शुरू करने की योजना भी सामने रखी गई। यह कदम न सिर्फ पर्यावरण के लिहाज़ से अहम है, बल्कि इससे तीर्थयात्रियों को आने-जाने में भी काफी सहूलियत मिलेगी।
कुल मिलाकर, कुरुक्षेत्र को एक आधुनिक, स्वच्छ और विश्वस्तरीय धार्मिक स्थल के रूप में विकसित करने की दिशा में सरकार तेजी से आगे बढ़ रही है। अब देखना ये होगा कि इन घोषणाओं का जमीनी असर कितनी जल्दी दिखता है।