Haryana में इन लोगों को मिलेगा रोजगार, Jungle Safari और Green Wall से खुलेगा इको टूरिज्म का रास्ता
हरियाणा सरकार ने अरावली क्षेत्र में दो बड़ी परियोजनाएं—जंगल सफारी और अरावली ग्रीन वॉल—शुरू करने की तैयारी कर ली है। इनका मकसद सिर्फ इको-टूरिज्म (eco-tourism) को बढ़ावा देना नहीं, बल्कि पर्यावरण संरक्षण, जैव विविधता की सुरक्षा और युवाओं के लिए रोजगार के नए रास्ते खोलना भी है। ये दोनों प्रोजेक्ट न सिर्फ हरियाणा, बल्कि पूरे देश के लिए एक पर्यावरणीय मॉडल साबित हो सकते हैं।

हरियाणा सरकार ने अरावली की पहाड़ियों को लेकर दो बड़ी पर्यावरणीय परियोजनाएं तैयार की हैं, जिनमें जंगल सफारी प्रोजेक्ट (Jungle Safari Project) और अरावली ग्रीन वॉल (Aravalli Green Wall Project) शामिल हैं। ये दोनों योजनाएं पर्यावरण, वन एवं वन्यजीव मंत्री राव नरबीर सिंह के मुताबिक न सिर्फ इको-टूरिज्म (eco-tourism) को प्रमोट करेंगी, बल्कि स्थानीय लोगों को रोजगार देने, जैव विविधता को संरक्षित करने और हरियाणा की ग्रीन कवर बढ़ाने में भी अहम भूमिका निभाएंगी।
मंत्री ने जानकारी दी कि अरावली पर्वत श्रृंखला भारत की सबसे पुरानी पहाड़ियों में से एक है, जो हरियाणा, राजस्थान, दिल्ली और गुजरात तक फैली हुई है और करीब 1.15 मिलियन हेक्टेयर क्षेत्र को कवर करती है। अब केंद्र सरकार ने हरियाणा को जंगल सफारी और अरावली ग्रीन वॉल जैसी इंटरनल महत्व की परियोजनाओं की जिम्मेदारी सौंपी है। सरकार का मानना है कि ये प्रोजेक्ट पर्यावरण के लिहाज़ से एक नया मील का पत्थर साबित होंगे।
राव नरबीर सिंह ने बताया कि पहले ये परियोजना पर्यटन विभाग के तहत थी, लेकिन मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के निर्देश पर अब इसकी कमान वन विभाग को दे दी गई है। मंत्री ने खुद नागपुर के गोरेवाड़ा सफारी और गुजरात की वनतारा परियोजना का दौरा किया है ताकि हरियाणा में इस मेगा प्रोजेक्ट को बेहतर तरीके से तैयार किया जा सके। सरकार चाहती है कि इस प्रोजेक्ट का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों हो।
पर्यावरण संकट और जलवायु परिवर्तन के मौजूदा दौर में यह योजना खास महत्व रखती है। राव नरबीर सिंह ने कहा कि प्रकृति और वन्यजीवों के प्रति संवेदनशील दृष्टिकोण ही हमें सस्टेनेबल डेवलपमेंट (sustainable development) की ओर ले जाएगा। उनका कहना है कि आज कई युवा स्टार्टअप और निजी संस्थाएं भी वाइल्डलाइफ कंजर्वेशन (wildlife conservation) में सरकार का साथ दे रही हैं, जो एक पॉजिटिव संकेत है।
अरावली ग्रीन वॉल परियोजना का मकसद देशी पेड़-पौधों की री-प्लांटेशन को बढ़ावा देना है। इससे न सिर्फ मिट्टी की सेहत सुधरेगी और ग्राउंडवॉटर लेवल (groundwater level) बेहतर होगा, बल्कि राज्य में जैव विविधता को भी मजबूती मिलेगी। खास बात यह है कि इस परियोजना से स्थानीय युवाओं को ‘वन मित्र (Van Mitra)’ जैसी भूमिका में ग्रीन जॉब्स मिल सकेंगे।
लेख के अंत में मंत्री ने अपील की कि लोग वन्यजीवों और जंगलों की सुरक्षा के प्रति सजग हों, जैसा कि प्रधानमंत्री मोदी ने भी अपने ‘मन की बात’ कार्यक्रम में ज़िक्र किया था