Cement Price: घर बनाना हो सकता है महंगा, सीमेंट की बढ़ती डिमांड से कीमत में आ सकता है उछाल!
अगले कुछ महीनों में सीमेंट (Cement Price) महंगा हो सकता है। क्रिसिल की रिपोर्ट के मुताबिक, देश में तेज़ी से बढ़ रहे इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स और हाउसिंग की मांग के कारण सीमेंट की खपत में करीब 7.5% तक इज़ाफा होने का अनुमान है। इस बढ़ती डिमांड का सीधा असर सीमेंट की कीमतों पर पड़ सकता है, जिससे घर बनाना और भी महंगा हो सकता है।

देश में अगर आप नया घर बनाने की प्लानिंग कर रहे हैं, तो आपकी लागत बढ़ सकती है। आने वाले महीनों में सीमेंट के दाम (cement price hike) में इज़ाफा देखने को मिल सकता है। वजह है – इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स (infrastructure demand) की तेज़ रफ्तार और ग्रामीण व शहरी इलाकों में हाउसिंग डिमांड (housing demand) का लगातार बढ़ना।
क्रिसिल इंटेलिजेंस की एक ताज़ा रिपोर्ट के अनुसार, देशभर में सीमेंट की खपत (cement consumption) 2025-26 में 6.5% से 7.5% तक बढ़ सकती है। बीते वित्त वर्ष (FY25) में ये वृद्धि 4.5-5.5% के बीच थी, जो अपेक्षाकृत कम मानी गई। चुनावी खर्च में कटौती और ज्यादा बारिश के कारण कंस्ट्रक्शन पर असर पड़ा था, जिससे मांग पर भी ब्रेक लगा।
बजट और मानसून के चलते डिमांड में उछाल की उम्मीद
रिपोर्ट में कहा गया है कि इस साल सरकार की ओर से बजटीय आवंटन (budget allocation) में बढ़ोतरी और बेहतर मानसून की संभावनाएं सीमेंट की डिमांड को नया मोमेंटम देंगी। इसका असर कीमतों पर पड़ना तय माना जा रहा है। यानी जिन लोगों ने घर बनाने या रेनोवेशन का प्लान बनाया है, उन्हें जेब थोड़ी ज्यादा ढीली करनी पड़ सकती है।
इंफ्रास्ट्रक्चर और ग्रामीण हाउसिंग बनेंगे ग्रोथ का आधार
देश में सीमेंट की कुल मांग में से करीब 29-30% हिस्सा इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर से आता है। FY26 में भी यही सेगमेंट प्रमुख ग्रोथ ड्राइवर बना रहेगा। सड़क, रेलवे, सिंचाई और अर्बन इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स की संख्या बढ़ने से सीमेंट की खपत में तेज़ी आ सकती है।
वहीं, ग्रामीण हाउसिंग (rural housing) का योगदान 32-34% तक बना रहने का अनुमान है। प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना, मनरेगा और पीएम आवास योजना – ग्रामीण जैसे सरकारी कार्यक्रमों के लिए बढ़े हुए बजट से गांवों में निर्माण गतिविधियों को बल मिलेगा।
शहरी और कमर्शियल सेक्टर से भी सपोर्ट
FY26 में अर्बन हाउसिंग (urban housing) की स्थिति में सुधार देखने को मिल सकता है। ब्याज दरों में संभावित कटौती और प्रधानमंत्री आवास योजना – शहरी (PMAY Urban) के बजट में 45% की बढ़ोतरी जैसे फैक्टर इसे सपोर्ट कर सकते हैं। इंडस्ट्रियल और कमर्शियल सेगमेंट की बात करें तो, इसमें 13-15% हिस्सेदारी के साथ स्थिर ग्रोथ की संभावना जताई गई है। खासतौर पर कमर्शियल रियल एस्टेट (commercial real estate) और वेयरहाउसिंग की बढ़ती डिमांड इस ट्रेंड को सपोर्ट कर रही है।